Product Code :ASP
Author : Dr. Rakesh Jindal
ISBN : 8190138618
Bound : Hard COver
Publishing Date : 2019
Publisher : Arogya Sewa Prakashan
Pages :
Language : Hindi
Availability : 98
प्राकृतिक चिकित्सा-विज्ञान या प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली उतनी ही पुरानी है जितनी कि प्रकृति स्वयं या इसके आधार षटतत्व- महतत्व, आकाशतत्व, वायु तत्व, अग्नि तत्व, जल तत्व तथा पृथ्वी तत्व इस तरह यह प्रणाली संसार में प्रचलित सभी चिकित्सा प्रणालियों से पुरानी या उनकी जननी है । वेदों में जो संसार के आदि ग्रन्थ है इस विज्ञान की सभी मोटी-मोटी बातें जैसे चिकित्सा, उपवास चिकित्सा आदि पायी जाती है। वेद काल के बाद पुराण-काल में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति प्रचलित थी। राजा दिलीप दुग्ध-कल्प एवं जंगल सेवन और राजा दशरथ की रानियों ने फल-कल्प (एक ही प्रकार का फल) द्वारा संतान लाभ किया था। प्रारम्भ काल में किसी भी प्रकार की औषधि चिकित्सा नहीं थी। लंघन (उपवास) को लोग अचूक चिकित्सा माना करते थे और जब भी अस्वस्थ होते उपवास कर स्वस्थ हुआ करते थे। रावण-काल से औषध से औषध सेवन प्रारम्भ होने का इतिहास मिलता है।