Product Code :CV VPG 94 H
Author : Shyamsundar Lal Tripathi
ISBN :
Bound : Hard Bound
Publishing Date : 2014
Publisher : Chowkhamba Vidyabhawan Varanasi
Pages : 4+162
Language : Sanskrit Text with Hindi Translation
Weight : 0
Availability : 99
जैन धर्म के अनुसार 63 महापुरुष बड़े ही प्रतिभाशाली, धर्मप्रवर्तक तथा चरित्रसम्पन्न माने जाते हैं और इसीलिए वे 'शलाकापुरुष' के नाम से विख्यात हैं। ये 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, नौ नारायण, नौ प्रतिनारायण तथा नौ बलदेव (या बलभद्र) हैं। इन शलाकापुरुषों के जीवनप्रतिपादक ग्रन्थों को श्वेतांबर लोग 'चरित्र' तथा दिगंबर लोग 'पुराण' कहते हैं। आचार्य जिनसेन ने इन समग्र महापुरुषों की जीवनी काव्यशैली में संस्कृत में लिखने के विचार से इस 'महापुराण' का आरंभ किया, परंतु ग्रन्थ की समाप्ति से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई। फलत: अवशिष्ट भाग को उनके शिष्य आचार्य गुणभद्र ने समाप्त किया। ग्रन्थ के प्रथम भाग में 48 पर्व और 12 सहस्र श्लोक हैं जिनमें आद्य तीर्थकर ऋषभनाथ की जीवनी निबद्ध है और इसलिए 'महापुराण' का प्रथमार्ध 'आदिपुराण' तथा उत्तरार्ध 'उत्तरपुराण' के नाम से विख्यात है।