Product Code :CSG 707 S
Author : Dr Namrata Chauhan
ISBN : 9789394829572
Bound : PAPER BACK
Publishing Date : 2023
Publisher : Chaukhamba Surbharati Prakashan
Pages : 244
Language : Sanskrit Text with Hindi Translation
Availability : 100
योग संबंधित उपनिषदों एवं प्रमाणभूत योग ग्रंथों में विवेचित प्रणव तत्त्वों का सप्रमाण सारगर्भित विवेचन)-पुस्तक-परिचय : वेदाें के अंश उपनिषदों को योग के आधारग्रन्थ के रूप में जाना जाता है। उपनिषदों में साधनाओं का उद्देश्य जीवन-लक्ष्य की प्राप्ति अर्थात् मोक्ष पर गहनता से प्रकाश डाला गया है, जो कि योग के विविध मार्गों के माध्यम से सभी प्रकार के साधकों के लिये सम्भव है। विस्तृत कलेवर वाले उपनिषदों के अंशभूत 20 योग उपनिषदों में वर्णित सरल तथा फलदायी प्रणव के साधनात्मक स्वरूप तथा उनसे प्राप्त होने वाले भौतिक तथा आध्यात्मिक लाभों को इस ग्रन्थ में सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है। अन्य योगग्रन्थों के सन्दर्भो के माध्यम से विषय को और अधिक प्रामाणिक और रुचिकर बनाने का प्रयास किया गया है। यह ग्रन्थ उन सभी साधकों को, जो प्रणवतत्त्व के जिज्ञासु हैं तथा जीवन में भौतिक तथा आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, साथ ही योग के विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा जनसामान्य के लिये भी अत्यन्त उपयोगी है। लेखिका-परिचय : इस ग्रन्थ की रचचिता डॉ- नम्रता चौहान का जन्म बैतूल (म-प्र-) में हुआ। योग-जैसे अनूठे और आध्यात्मिक विषय में रुचि होने से इन्होंने स्नातक तथा परास्नातक की उपाधि देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग-विषय में प्राप्त की तथा योग-विषय में ही इन्होंने यूजीसी नेट-जे-आर-एफ- की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। विद्यावारिधि (पी-एच-डी-) की उपाधि योग-उपनिषदों तथा प्रणव जैसे गूढ़ विषय पर सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय, सांची (म-प्र-) से प्राप्त की है। शोधकार्य में विशेष रुचि होने से इन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में अपने शोधपत्र भी प्रस्तुत किये हैं.